Ankit Raj

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प्रेम-विवाह ( भाग-1 )

प्रेम-विवाह ( भाग-1 ) 

सखियों ने किया श्रृगार नहीं
बहन ने मेहंदी रचाई नहीं
माँ ने आरती थाल सजाई नहीं
बापू ने दिये आशीर्वाद नहीं
बाबुल के घर छोड़ कर
मै प्रियतम के घर चली

मनचाहा वर चुन कर
साथ रहने का सपने बुन कर
माँ पापा के खिलाफ जा कर
हम दोनों ब्याह रचाई
रिश्तें नातों को छोड़ कर
मैं प्रियतम के घर चली

छोड़ चली मैं वो गली
जहाँ मैं बचपन बिताई
साथी संगत को छोड़ कर
जाने पहचाने से मुँह मोड कर
मैं प्रियतम के घर चली

पापा के लिए मैं परी थी
माँ की मैं गुड़िया रानी थी
उनके अरमानों को मोड़
उनकी खुशियों को तोड़
उनके आँखों में अश्रु दे कर
मैं प्रियतम के घर चली

आगे क्या होगा छोड़ कर
समाज के नियम तोड़ कर
पिया से नाता जोड़ कर
अपनी खुशी की कामना लिए
मैं प्रियतम के साथ चली

                     ✍अंकित राज

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19 Comments

Raj Ankit Maurya

21-Oct-2021 02:14 PM

Nice

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Atul Kumar

17-Oct-2021 07:43 AM

Nice

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Rubi Kumari

14-Oct-2021 07:02 AM

Nice

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